इस जिंदगी का दूसरा कोई खेप नहीं होता क्या ले जाओगे कफन में जेब नहीं होता बडे गुमान किए थे जिन लोंगों ने सुबह बयां कर गई ऐसा कुछ नहीं होता सूनी सडकों पर बेखौफ मत चल ऐसा नहीं कि यहां कोई हादसा नहीं होता अजीब बेबसी है उस बस्ती की जहां कोई शख्स जवां नहीं होता डस आग के बारे में क्या कहिये सुलगते रहता है पर धुआं नहीं होता मेरे मुल्क को बदनाम करने वालों मत भूलों कुछ तो है यु हीं सारे जहां से अच्छा नहीं होता।
ताजी हवा में फूलों की महक हो, पहिली किरन में चिडियों की चहक हो, जब भी खोलो आप अपनी पलकें, उन पलकों में खुशियों की झलक हो, सदा रहो आबाद, जहाँ रहो, खुशियों से लबरेज रहो।
दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनको हर उस काम में, मजा आता है, जिसके द्वारा दूसरे लोग परेशान हों। इस तरह के लोग, अपने जीवन का एक-एक पल, लोगों को परेशान करने में बिता देते हैं।ऐसा ही एक व्यक्ति था, उसे लोगों को परेशान करने में बहुत ही मजा आता था. . पुरा गाव, उससे परेशान था. अपने अन्तिम समय में, जब वह व्यक्ति आया और चारपाई पर पड़ गया तो, उसे लगा कि अब वह किसी और को परेशान नहीं कर पायेगा। ऐसा विचार आते ही वह इस तरह की तरकीब सोचने लगा कि, कैसे उसके मरने के बाद भी इस गाँव के लोग परेशान रहें। एक दिन जब उस व्यक्ति को लगा कि, अब वह मरने वाला है तो, उसने उस गाँव के मुखिया को बुलाकर कहा मैंने सब लोगों को बहुत परेशान किया है। अब अपने अंत समय में मैं प्रायश्चित करना चाहता हूँ। मुखिया ने उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसका प्रायश्चित पूछा। उस व्यक्ति ने कहा-"जब मैं मर जाऊं तो मेरे मुंह में लकड़ी का एक खूंटा ठोंक देना., यही मेरा प्रायश्चित होगा." उस व्यक्ति के मरने के बाद गाँव वालों ने उसके प्रायश्चित के लिए उसके मुंह में लकड़ी का खूंटा ठोंक दिया। उस के क्रिया-कलाप के लिए, अन्तिम संस्कार के लिए अन्तिम यात्रा श्मशान के लिए निकाली गई. उस रास्ते में एक पुलिस थाना पड़ता था. पुलिस वालों ने देखा कि अर्थी में कफ़न उठा हुआ है तो उनको शक हुआ. पुलिस के अधिकारी ने अर्थी को रोक कर कफ़न खुलवाया तो देखा कि मृत व्यक्ति के मुंह में लकड़ी का खूंटा ठुका है. पुलिस ने सभी को उस व्यक्ति की हत्या करने के आरोप में बंद कर दिया. अब सभी लोग हवालात में थे। काफी परेशानी के बाद में, गाँव के कुछ सभ्य, पढ़े-लिखे लोगों के वस्तुस्थिति से अवगत कराने पर, उन गाँव वालों को छोड़ा गया. आप सभी से आग्रह है कि, अपने गाव के ऐसे लोगों से सावधान रहें,समय रहतें ऐसे लोगों को उचित सबक सिखाएं. अन्यथा पुरा गाव उसकी करतूतों से परेसान रहेगा.
प्रदेश भाजपा नेतृत्व द्वारा ,रायगढ़ संसदीय क्षेत्र का संसदीय सम्मेलन हेतु , धरमजयगढ़ मंडल का चयन किया गया है। यह सम्मेलन १७ मार्च २००९ को, स्थानीय दशहरा मैदान, धरमजयगढ़ में सम्पन्न होगा। सम्मलेन ११ बजे प्रात शुरू होगा एवं शाम ०५ बजे समाप्त होगा।लोक सभा चुनाव की दृष्टी से यह सम्मेलन महत्वपूर्ण है। रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत दो जिलों क्रमशः जशपुर एवं रायगढ़ से मिलकर बना है। इन दोनों जिलों में कुल २१६६ मतदान केन्द्र है। सम्मेलन के दिन लगभग १२००० कार्यकर्ता जुटने का अनुमान है। संसदीय सम्मेलन का मेजबानी करने का अवसर धरमजयगढ़ मंडल को पहिली बार प्राप्त हो रहा है।
कभी कभी जीवन में ऐसी घटनाएँ घटित हो जाती है, जिस पर आपका बस नही होता। आप सिर्फ़ मूक दर्शक की भांति सरे घटनाक्रम को घटित होते देख रहें होतें है। यह कैसी विवशता है की, घटना का मुख्यपात्र होते हुए भी, घटनाओं पर आपका बस नही होता। सारा घटनाक्रम का सञ्चालन दुसरे लोग करतें है । घटनाओं का सूछ्म विश्लेषण जब आप करेंगे तो यह निष्कर्ष निकलेगा की, दैनिक जीवन में आपके इर्द गिर्द जिनसे आपका उठ baith है, जिनसे आपका रोज का कम पड़ता है, वे लोग, जब आप किसी मुसीबत में फसे होगे , तबआपके प्रति, उनका व्यवहार कई prakar का हो sakta है।