गुरुवार, 19 फ़रवरी 2009

सामयिक घटना


कभी कभी जीवन में ऐसी घटनाएँ घटित हो जाती है, जिस पर आपका बस नही होता। आप सिर्फ़ मूक दर्शक की भांति सरे घटनाक्रम को घटित होते देख रहें होतें है। यह कैसी विवशता है की, घटना का मुख्यपात्र होते हुए भी, घटनाओं पर आपका बस नही होता। सारा घटनाक्रम का सञ्चालन दुसरे लोग करतें है ।
घटनाओं का सूछ्म विश्लेषण जब आप करेंगे तो यह निष्कर्ष निकलेगा की, दैनिक जीवन में आपके इर्द गिर्द जिनसे आपका उठ baith है, जिनसे आपका रोज का कम पड़ता है, वे लोग, जब आप किसी मुसीबत में फसे होगे , तबआपके प्रति, उनका व्यवहार कई prakar का हो sakta है।