इस जिंदगी का दूसरा कोई खेप नहीं होता क्या ले जाओगे कफन में जेब नहीं होता बडे गुमान किए थे जिन लोंगों ने सुबह बयां कर गई ऐसा कुछ नहीं होता सूनी सडकों पर बेखौफ मत चल ऐसा नहीं कि यहां कोई हादसा नहीं होता अजीब बेबसी है उस बस्ती की जहां कोई शख्स जवां नहीं होता डस आग के बारे में क्या कहिये सुलगते रहता है पर धुआं नहीं होता मेरे मुल्क को बदनाम करने वालों मत भूलों कुछ तो है यु हीं सारे जहां से अच्छा नहीं होता।
ताजी हवा में फूलों की महक हो, पहिली किरन में चिडियों की चहक हो, जब भी खोलो आप अपनी पलकें, उन पलकों में खुशियों की झलक हो, सदा रहो आबाद, जहाँ रहो, खुशियों से लबरेज रहो।