शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2009

संदेश

दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनको हर उस काम में, मजा आता है, जिसके द्वारा दूसरे लोग परेशान हों। इस तरह के लोग, अपने जीवन का एक-एक पल, लोगों को परेशान करने में बिता देते हैं।ऐसा ही एक व्यक्ति था, उसे लोगों को परेशान करने में बहुत ही मजा आता था. . पुरा गाव, उससे परेशान था. अपने अन्तिम समय में, जब वह व्यक्ति आया और चारपाई पर पड़ गया तो, उसे लगा कि अब वह किसी और को परेशान नहीं कर पायेगा। ऐसा विचार आते ही वह इस तरह की तरकीब सोचने लगा कि, कैसे उसके मरने के बाद भी इस गाँव के लोग परेशान रहें। एक दिन जब उस व्यक्ति को लगा कि, अब वह मरने वाला है तो, उसने उस गाँव के मुखिया को बुलाकर कहा मैंने सब लोगों को बहुत परेशान किया है। अब अपने अंत समय में मैं प्रायश्चित करना चाहता हूँ। मुखिया ने उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसका प्रायश्चित पूछा। उस व्यक्ति ने कहा-"जब मैं मर जाऊं तो मेरे मुंह में लकड़ी का एक खूंटा ठोंक देना., यही मेरा प्रायश्चित होगा." उस व्यक्ति के मरने के बाद गाँव वालों ने उसके प्रायश्चित के लिए उसके मुंह में लकड़ी का खूंटा ठोंक दिया। उस के क्रिया-कलाप के लिए, अन्तिम संस्कार के लिए अन्तिम यात्रा श्मशान के लिए निकाली गई. उस रास्ते में एक पुलिस थाना पड़ता था. पुलिस वालों ने देखा कि अर्थी में कफ़न उठा हुआ है तो उनको शक हुआ. पुलिस के अधिकारी ने अर्थी को रोक कर कफ़न खुलवाया तो देखा कि मृत व्यक्ति के मुंह में लकड़ी का खूंटा ठुका है. पुलिस ने सभी को उस व्यक्ति की हत्या करने के आरोप में बंद कर दिया. अब सभी लोग हवालात में थे। काफी परेशानी के बाद में, गाँव के कुछ सभ्य, पढ़े-लिखे लोगों के वस्तुस्थिति से अवगत कराने पर, उन गाँव वालों को छोड़ा गया. आप सभी से आग्रह है कि, अपने गाव के ऐसे लोगों से सावधान रहें,समय रहतें ऐसे लोगों को उचित सबक सिखाएं. अन्यथा पुरा गाव उसकी करतूतों से परेसान रहेगा.

9 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है जी, लगे रहो.

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  2. आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .आपका लेखन सदैव गतिमान रहे ...........मेरी हार्दिक शुभकामनाएं......

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  3. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  4. Behad sach kaha...zindagee maidane jang hai....shesawaar hee hon to khuddaree rehti hai, tifl kya girega jo ghutnon ke bal chale...!
    Khoob kaha.
    Shubhkamnayon sahit swagat hai...

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  5. Ek namr binatee hai gar buraa naa mane to...pls shabd pustikaran hata den !

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  6. भाई क्या कहने ऐसे आदमी के..........कम से कम अपनी बात का तो खरा था
    जीते जी और मरते भी परेशान करता रहा

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  7. बहूत सुंदर लेख
    स्वागत है आपका ब्लॉग जगत में
    from darddilka

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  8. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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