जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है...
जिन्दगी फूलों की सेज नहीं; कुरुछेत्र का मैदान है....
गुरुवार, 19 मार्च 2009
दे इतना वरदान
हे भगवान दया निधान,
मुझको दो इतना वरदान,
चाहे दुःख हो चाहे सुख हो,
रहे देश का हरदम ध्यान,बाधाओं में,
विपदाओं में,धीरज धरूं बनू बलवान,
तन मन वारू, जीवन वारूँ,
होऊं भारत पर बलिदान।
वन्देमातरम
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